CTET (Central Teacher Eligibility Test) एक राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा है जो भारतीय स्कूली शिक्षकों की पात्रता मान्यता को मान्यता प्रदान करती है। इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाता है। यह परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित की जाती है।
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CTET परीक्षा की अधिसूचना (Notification):
CTET परीक्षा की अधिसूचना संघीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की वेबसाइट पर जारी की जाती है। अधिसूचना में परीक्षा की तारीखें, पंजीकरण की प्रक्रिया, आवेदन शुल्क, पात्रता मानदंड, पाठ्यक्रम, परीक्षा पैटर्न, प्रवेश पत्र, परिणाम घोषणा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है। उम्मीदवारों को अधिसूचना को ध्यान से पढ़ना चाहिए और परीक्षा से संबंधित सभी अपडेट प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से वेबसाइट का दौरा करना चाहिए।
CTET पाठ्यक्रम (Syllabus):
CTET परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम दो भागों में विभाजित होता है। पहला भाग प्राथमिक स्तर (प्रशिक्षण कक्षा 1 से 5 तक) के शिक्षकों के लिए होता है और दूसरा भाग उच्च प्राथमिक स्तर (प्रशिक्षण कक्षा 6 से 8 तक) के शिक्षकों के लिए होता है। यह परीक्षा उम्मीदवारों की शिक्षण सामरिक, भाषा अधिगम, बाल विकास और पेशेवर क्षेत्रों से संबंधित ज्ञान और उम्मीदवारों की संप्रेषण क्षमता का मूल्यांकन करती है।
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CTET Child Development and pedagogy Syllabus pdf in Hindi
CTET परीक्षा के बाल विकास (Child Development) विषय में उम्मीदवारों की बाल विकास के ज्ञान और बाल विकास को प्रभावी ढंग से सिखाने की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है। यहां CTET परीक्षा के बाल विकास विषय में आमतौर पर शामिल किए जाने वाले मुख्य विषयों की सूची है:
1. बाल विकास के सिद्धांत:
- बाल विकास की परिभाषा और संदर्भ
- मूल बाल विकास सिद्धांत (प्रकृति और पालक)
- विकास के चरण और मार्ग
- व्यक्तित्व विकास और सामाजिक विकास
2. बाल मनोविज्ञान:
- मनोवृत्ति और मनोविकार
- बाल मनोवैज्ञानिक सिद्धांत
- बाल मनोविकार के प्रकार
- मनोवैज्ञानिक विकास के प्रमुख सिद्धांत
3. बाल समाजशास्त्र:
- सामाजिकीकरण और समाजीकरण
- बाल समाजशास्त्र के सिद्धांत
- बाल समाजशास्त्रीय संकेतक
- समाजशास्त्रीय विकास के प्रमुख सिद्धांत
4. शिक्षण और बाल विकास:
- बाल विकास के शिक्षणात्मक प्रयास
- शिक्षाविद्या के सिद्धांत और अभिप्रेरणा
- शिक्षण में संस्कारों का महत्व
- सामाजिक और राष्ट्रीय बाल विकास योजनाएं
5. विशेष जरूरत वाले बच्चों का विकास:
- विकलांगता, दिव्यांगता और समस्याएं
- विकासशीलता के प्रमुख संकेतक
- विशेष शिक्षा के सिद्धांत और अनुप्रयोग
- इंकलूजन और एकीकरण के माध्यम
उम्मीदवारों को इन विषयों के बारे में अच्छी समझ और बाल विकास से संबंधित महत्वपूर्ण सिद्धांतों, मार्गदर्शिकाओं, और शिक्षणात्मक तकनीकों को जानना आवश्यक है। उम्मीदवारों को सटीक और अद्यतित जानकारी के लिए सीबीएसई द्वारा प्रदान की गई CTET अधिसूचना और पाठ्यक्रम का संदर्भ लेना चाहिए।
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